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रूस की चांद पर नजर | Luna 25 का चाँद की तरफ कदम |11 अगस्त को लॉन्च करेगा मून मिशन लूना-25

Russia Luna 25 Mission: लूना 25 से चंद्रयान-3 को दे सकता है मात,

Chandrayaan-3 के बाद अब रूस भी अपना मून मिशन 11 अगस्त को लॉन्च करेगा, इस मिशन का नाम है Luna 25.  क्या रूसी स्पेस एजेंसी भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के साथ प्रतियोगिता कर रही है? यूक्रेन पर हमला करने के बाद पहली बार रूस  के लिए मून पर अपना मिशन भेजने को तैयार हुआ है| लूना-25 मून मिशन की यात्रा करके चंद्रमा के पास पहुंचेगा. फिर पांच से सात दिन वह चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाएगा. इसके बाद दक्षिणी ध्रुव के पास तय किए गए तीन स्थानों में से किसी एक पर लैंड करेगा जिससे Luna 25 चंद्रमा की सतह पर ऑक्सीजन की खोज करेगा, ताकि पानी बनाया जा सके |

 

11 अगस्त को लॉन्च करेगा मून मिशन लूना-25

भारत के चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं। रूस ने भी Luna 25 मिशन के जरिए चंद्रमा की ओर तेजी से कदम बढ़ाने जा रहा है। रूस शुक्रवार को अपना लूना-25 यान चंद्रमा की कक्षा में भेजने को तैयार हुआ है|

Luna 25

रूसी स्पेस एजेंसी ने अपने बयान में यह भी बताया है कि लूना-25 का उद्देश्य चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग टेस्टिंग करना. मिट्टी और पानी के नमूने लेना और उनका विश्लेषण करना है। रूस का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब वह यूक्रेन के साथ युद्ध में है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया है। दोनों देशों के बीच इस युद्ध के कारण पश्चिमी देशों में तनाव है| भारत ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया है। यह 23 अगस्त को चांद पर लैंड करेगा। वहीं रूस का Luna 25 इससे पहले चांद पर उतर सकता है। रूस की योजना यान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की है। चांद के इस ध्रुव पर पानी मिलने की संभावना है।

https://en.wikipedia.org/wiki/Luna_25

Luna 25 मिशन: लूना 25 मिशन का उद्देश्य, चंद्रमा की सतह पर अध्ययन करना है और वैज्ञानिकों को मूनलैंडिंग के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है। इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर अध्ययन करना है और वैज्ञानिकों को और अधिक जानकारी प्राप्त करने का मौका देना है। चंद्रयान 3 भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण चंद्रमा मिशन है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर मूनलैंडिंग करना है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है और यह भारत की चंद्रमा पर तीसरी मूनलैंडिंग मिशन होगा।

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लूना 25 मिशन की उपक्रमणि:

लॉन्च डेट: लूना 25 मिशन की प्रारंभिक योजना 2022 में थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इसकी लॉन्च डेट को 2023 में स्थगित किया गया था

लैंडिंग डेट: लूना 25 का अल्फा मूनलैंडर चंद्रमा की सतह पर स्थानांतरित होने की योजना बनाई गई है, और उम्मीद है कि यह 2024 में सफलतापूर्वक लैंड होगा।

मिशन की लागत: Luna 25 मिशन की लागत के बारे में आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन अनुमानों के अनुसार इसका खर्च करीब $100 मिलियन से $150 मिलियन के बीच हो सकता है।

1976 में लॉन्च किया गया लूना-24 चांद की  धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था। अंतरिक्ष विज्ञानी व्लादिमीर सर्डिन ने अनुमान लगाया कि Luna 25 मिशन की सफलता की संभावना 50 फीसदी है।

संक्षिप्त में: लूना 25 मिशन एक महत्वपूर्ण कदम है जो चंद्रमा की सतह पर अध्ययन करने का अवसर प्रदान करता है। यह आगे बढ़ रहा है और चंद्रमा के रहस्यों को सुलझाने में मदद करेगा। इसके साथ ही, चंद्रयान 3 भी भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम की महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, जिससे चंद्रमा की सतह पर मून लैंडिंग के लिए तयारी की जा रही है। रूस का लूना-25 को प्रक्षेपित करना, उसके Moon मिशन के तहत पहला कदम है। रूस का यह कदम ऐसे समय में सामने आया है जब वह यूक्रेन के साथ युद्ध में है। दोनों देशों के बीच जारी युद्ध को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया है। दोनों देशों के बीच इस युद्ध के कारण पश्चिमी देशों में तनाव है और वे रूस के इस कदम से नाराज हैं।  इन देशों की नाराजगी के बीच वह चीन के साथ अंतरिक्ष में सहयोग को बढ़ाने में लगा है।

 

 

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